आ में तुझे अपना जिस्म बनालू,
अपनी रूह कि नस नस मे तुझे समलू,
है मोहब्बत कितनी हसीं मेरे दिलबर,
आके बाँहों मे तुझको बत्लादु,
महका दु हर पल तेरा प्यार कि खुशबु से,
फूलों को तेरा में बिस्तर बनादु,
चमक उठे हर दिन तेरा आफताब बनके,
रातों को तेरी में कह्काषा बनादु,
तपने लगे जब सांसे तेरी वक़्त के सफ़र मे,
ठण्डी हवा का झोंका बन तुझको सह्लादु,
चु ना सके मुश्किलें तुझे चाहकर भी,
कुछ यु तुझे अपनी पलकों में चिपलू,
बनके हेन्ना महके तू मेरी सांसों मे सदा,
आ तुझे अपने हाथों पे सजालू।
होके रहे तू मेरा और में तेरी हर पल,
आ में तुझे अपना नसीब बनालू।
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